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IGNOU

BSKLA-135: Sanskrit Bhasha aur Sahitya

IGNOU via Swayam

Overview

यह संस्कृत भाषा का एक प्रारंभिक पाठ्यक्रम है जो उन छात्रों के लिए बनाया गया है जो शुरू से ही संस्कृत सीखना चाहते हैं,तथा स्नातक (Graduation) में MIL(Modern Indian Language)के रूप में संस्कृत भाषा का चयन करते हैं।इस पाठ्यक्रम का उद्देश्य छात्रों को संस्कृत भाषा की मूल संरचना से परिचित कराना है। छात्रों को स्वयं वाक्यों के निर्माण पर जोर देने के साथ बहु उदाहरण पद्धति के माध्यम से आवश्यक संस्कृत-व्याकरण का परिचय दिया जाएगा। आप इस पाठ्यक्रम से संस्कृत व्याकरण के मूल विषय अर्थात् वर्ण, संज्ञा, संधि, समास आदि को सीखेंगे। आपको मन्त्र, श्लोक तथा गद्य के शुद्ध वाचन को सिखाया जाएगा। साथ ही संस्कृत भाषा के व्यावहारिक पक्ष का ज्ञान जिससे संस्कृत भाषा में पत्र लेखन, समाचार लेखन एवं वाचन को जानेंगे। संस्कृत भाषा में उपलब्ध संस्कृति, विज्ञान तथा सामाजिक विषयों का परिचय भी प्राप्त करेंगे ।Target Group- कोई भी स्नातक (Graduation) में MIL (Modern Indian Language) भाषा के रूप में "संस्कृत" का चयन करने वाले छात्र । यह एक भाषा का पाठ्यक्रम है, अत: विज्ञान (Science), प्रौद्योगिकी (Technology), कम्प्यूटर विज्ञान (Computer Science), सामाजिक विज्ञान (Social Science), मानविकी (Humanities) आदि विभिन्न अनुशासनात्मक (Discipline) पृष्ठभूमि के अध्येताओं के लिए प्रासंगिक होगा।

Syllabus

सप्ताह

शीर्षक

सप्ताह-1

वर्णोच्चारण की प्रक्रिया

सप्ताह-2

पद, लिङ्ग, वचन, पुरुष और काल

सप्ताह-3

शब्दरूप

सप्ताह-4

धातुरूप

सप्ताह-5

सरल वाक्य-रचना

सप्ताह-6

संस्कृति विषयक पाठ

सप्ताह-7

सामाजिक विज्ञान आधारित पाठ

सप्ताह-8

विज्ञान आधारित पाठ

सप्ताह-9

पद्यकाव्य

सप्ताह-10

गद्यकाव्य

सप्ताह-11

कथासाहित्य

सप्ताह-12

पत्र-लेखन

सप्ताह-13

समाचार लेखन

सप्ताह-14

अशुद्धि-शोधन

सप्ताह-15

संक्षेपण, पल्लवन और निबन्ध-लेखन

सप्ताह-16

पाठ्यक्रम – क्रियाकलाप

Taught by

Dr. Soniya

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Reviews

1.0 rating, based on 1 Class Central review

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  • Sreedevi E.s
    इयं कक्ष्या बहु सम्यक् आसीत् । संस्कृतम् सरल भाषा इति अवगन्तुं शक्ये । यत्र कठिन पदस्य प्रयोगः सरलतया पाठयितुं शक्यते इति अस्याः कक्ष्यायाः दर्शनेन पठितुं अशक्यम् । वर्णविचारान् तथा वचन लिङ्ग पुरुष काल बांधक शब्दाः कथं प्रयुक्नुमः इति सम्यक् अवगम्ये ' l बहुसम्यक् वर्गः आसीत्
    धन्यवादः

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