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भारत ने अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के विकास और उसके उपयोग के लिए अंतरिक्ष आधारित कार्यक्रम का एक मजबूत आधार विकसित किया है। प्रक्षेपण यान प्रौद्योगिकी,अंतरिक्ष यान डिजाइन,उपयुक्त पेलोड का डिजाइन और अंतरिक्ष यान संचालन,प्रमुख प्रौद्योगिकी क्षेत्र हैं जिनके लिए घरेलू और औद्योगिक दोनों तरह के व्यापक बुनियादी ढांचे मौजूद हैं।इसरो के कुछ भविष्य में होने वाले मिशन मंगलयान-2,एक्सोवर्ल्ड्स और शुक्रयान मिशन हैं।अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी एक बहुत ही नवीन तकनीक है,और इसमें काम करने के लिए अक्सर नए उपकरणों और तकनीकों की आवश्यकता होती है। अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के संबंध में भारत सरकार की वर्तमान योजनाएँ और पहल,व्यापक और महत्वाकांक्षी हैं। इसलिए इस क्षेत्र में प्रशिक्षित जनशक्ति की तत्काल आवश्यकता है। आईआईआरएसSWAYAMपोर्टल के माध्यम से “अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी और अनुप्रयोगों” पर यह नया पाठ्यक्रम हिन्दी भाषा लेकर आया है। बेहतर शिक्षण हेतु भारतीय भाषाओं में तकनीकी शिक्षा प्रदान करने के लिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के अनुरूप,यह पाठयक्रमहिंदी भाषा में भी पेश किया जा रहा है। हमें आशा है की यह पहल छात्रों को सरल भाषा में गुणवत्तापूर्ण तकनीकी ज्ञान प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहित करेगा ।इस पाठ्यक्रम में अत्यंत रोचक विषयों पर 17 घंटे की अध्ययन सामग्री शामिल है-अन्तरिक्षअवलोकनकेमूलसिद्धांत,रॉकेटऔरउपग्रहोंकीभौतिकी,इसरोप्रक्षेपणयानऔरसैटेलाइटपेलोड,सुदूरसंवेदनतकनीक,अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) और अंतरिक्ष पर्यटन,आकाशीय पिंड,एक्सोप्लैनेट और अंतरिक्षमें जीवन,संचार उपग्रह,नेविगेशन उपग्रह,इसरोग्रहीयमिशन,अंतरिक्षविज्ञानउपयोग,अंतरिक्षजीवविज्ञान,खाद्यऔरचिकित्सा,मानसूनअध्ययनमेंउपग्रहडेटाकाअनुप्रयोग आदि शामिल हैं।यह पाठ्यक्रम कई पृष्ठभूमियों के छात्रों और पेशेवरों के लिए उपलब्ध है,जो ब्रह्मांड का पता लगाने के लिए अंतरिक्ष अन्वेषण तकनीक का उपयोग करके काम कर सकते हैं।