यह पाठ्यक्रम शास्त्रीय संगीत के विद्यार्थियों को ध्यान में रखकर निर्मित किया गया है जो की गायन वादन और नृत्य के क्षेत्र में ताल को समझने में सहायक होगा जिसका सीधा लाभ बंदिशों के प्रस्तुतीकरण को प्रभावी बनाने और परंपरागत संगीत (विभिन्न घरानों की उपलब्ध बंदिशों जिनका साहित्यिक वर्णन अप्राप्त है और आज भी शोध का विषय बना हुआ है ) का आकलन कर प्रस्तुत किया जायेगा ताकि घरानेदार और वर्तमान शिक्षा पद्धति के बीच सेतु का कार्य करेगा
TaloonkaSoundaryaShastra
Doctor Harisingh Gour Vishwavidyalaya, Sagar via Swayam
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Overview
Syllabus
COURSE LAYOUT
WEEK 1 विषय प्रवर्तन
तालः-उत्पत्ति एवं विकास
ताल के तत्वः मात्रा, सम, ताली, खाली,मात्रा,विभाग
WEEK 2 जाति भेद
उत्तर भारतीय ताल पद्धति
तिहाई रचना सिद्धांत भाग 01
WEEK 3 तिहाई रचना सिद्धांत भाग 02
लय एवं लयकारी
वाद्य वर्गीकरणः- अवनद्य, त्तंत्र, घन एवं सुशिर
WEEK 4अवनद्य वाद्य:- उत्पत्ति एवं विकास
ताल के दश प्राण
संगीत और सौन्दर्य की व्याख्या
WEEK 5 तालों का सौन्दर्य गायन वादन नृत्य के सन्दभZ मंश
लग्गी लड़ी:-भाग1 अर्थ एवं उत्पत्ति
लग्गी लड़ी:-भाग 2 वादन सामग्री एवं विभिन्न दृष्टिकोण
WEEK 6 लग्गी लड़ी:-भाग 3 प्रायोगिक विवरण एवं उदाहरण तबले के प्रमुख घराने
प्रमुख घराने :- वादन शैली
पश्चिम बाज :- वादन शैली
WEEK 7 बंदिश:- सौन्दर्यात्मक अर्थ एवं व्याख्या
समान मात्रा की तालों का तुलनात्मक अध्ययन संगीत और संगत:- नियम एवं सिद्धांत
शास्त्रीय गायन में ताल सौन्दर्य
WEEK 8 उपशास्त्रीय गायन में ताल सौन्दर्य
कथक नृत्य में ताल भाग -1
कथक नृत्य में ताल भाग -2
WEEK 9 तंत्र वाद्य में ताल
विस्तारशील रचनाऐं
अविस्तारशील रचनाऐं
WEEK 10 कर्नाटक ताल पद्धति
मार्गीताल पद्धति
देशी ताल पद्धति
WEEK 11 ONDEMAND LECTURER
ONDEMAND LECTURER
ONDEMAND LECTURER
WEEK 12 ONDEMAND LECTURER
ONDEMAND LECTURER
ONDEMAND LECTURER